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Pregnancy Me Bleeding


गर्भावस्था के दौरान, कभी कभी कुछ महिलाओ में रक्त के धब्बे या फिर रक्त श्रवित (ब्लीडिंग) होता है। परंतु रक्तस्राव (ब्लीडिंग) एवं खून के धब्बों (स्पॉटिंग) में अंतर होता है।  
जब योनि से हल्के रक्त का स्राव होता है तो उसको स्पॉटिंग या खून के धब्बे आना कहते है। ये उसी प्रकार के खून के धब्बों की तरह होता है जो महावारी (पीरियड्स) के शुरुवात एवं अंत में होता है। इसका रंग भूरा, हल्का भूरा या लाल हो सकता है तथा इसका प्रवाह कम होता है। वही दूसरी ओर रक्तस्राव में खून की मात्रा अधिक होती है और इस दौरान आपको सैनिटरी पैड की आवश्कता पड़ सकती है। 

गर्भावस्था में ब्लीडिंग होने के सामान्य कारण 

गर्भावस्था के दौरान निम्न परिस्थितियों में खून के धब्बे या रक्तस्रावहो सकता है –  

  • गर्भावस्था के शुरुआती दौर में हल्की फुल्की ब्लीडिंग होना सामान्य है और यह लगभग चार में से एक महिला में होती हैं। इसका कारण होता है इंप्लांटेशन। जब भ्रुण बढ़ता है तो वह कोख की दीवार में प्रत्यारोपित ( ट्रांसप्लांट) होता है, यही इंप्लांटेशन कहलाता है। 
  • स्पॉटिंग, बढ़ते हुए प्लेसेंटा ( अपरा) के कारण भी हो सकती है। 6 सप्ताह के गर्भधारण के पश्चात अपरा खुद ही गर्भावस्था के हार्मोन का निर्माण करने लगती है, जिसके कारण हल्का रक्तस्राव हो सकता है। 
  • यदि आपने किसी प्रजनन उपचार कैसे आई वि इफ के जरिए गर्भधारण किया है तो आपको हल्के खून के धब्बे दिख सकते हैं। 
  • इन कारणों के अतरिक्त गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई अन्य प्रकार के बदलाव आते हैं जिसके कारण स्पॉटिंग हो सकती है। जैसे - योनि या गर्भाशय ग्रीवा में इन्फेक्शन होना, सर्वाइकल पोलिप, यूटराइन फाइब्रॉयड ( गर्भाशय के अंदर बनने वाले मांसपेशियों का ट्यूमर), गर्भावस्था के हार्मोन से ग्रीवा की सतह में बदलाव होने से जलन और असहजता के कारण रक्तस्राव हो सकता है। 

    कब प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना हानिकारक है? 

    उपर्युक्त समान्य कारणों के अतिरिक्त इन परिस्थितियों में रक्त स्राव हो सकता है जो की आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकता है। कुछ कारण निम्न हैं – 
  • गर्भपात – कभी कभी गर्भावस्था की शुरुवात में भ्रुण का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता, जिससे दुभाग्यवश गर्भपात हो जाता है।  
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी ( अस्थानिक गर्भावस्था) – इस अवस्था में निषेतचित ( फर्टिलाइज्ड)डिंब गर्भाशय के अतिरिक्त आस पास अन्य जगह जैसे फैलोपियन ट्यूब में प्रत्यारोपित हो जाता है। ऐसे में रक्तस्राव होने लगता है। 
  • मोलर गर्भावस्था – इसमें भी रक्तस्राव हो सकता है। इसमें गलत गुणसूत्रों ( क्रोमोसोम्स) के मिलने की वजह से भ्रुण का विकास नहीं हो पाता है। 
  • वेनिशिंग ट्विन – कभी कभी जुड़वा बच्चे होने पर भी स्पोर्टिंग हो सकती है। ऐसा अक्सर तब होता है जब एक शिशु का विकास रुक जाता हैं और अंत में वह पूरी तरह गायब हो जाता है, इसको वेनिशिंग ट्विन कहते है।  
  • कभी कभी जब प्रसव समय से पहले होने लगता है तब भी ब्लीडिंग हो सकती है।  
  • इसके अतिरिक्त पेट पर आघात लगने से भी रक्त स्राव हो सकता है। 

    सभी स्तिथियों में आपको एक बार स्त्री प्रसूति रोग विषेशज्ञ से अवश्य परामर्श लेना चाहिए। चिकत्सक देख समझ कर एवं जांचें करा कर आपको सही सलाह देते हैं। ऐसी परिस्थिति में आपको लापरवाही बिलकुल भी नहीं करनी चाहिए और खुद से अपना इलाज या घरुलू नुस्खे कदापि नहीं अपनाने चाहिए।