गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, इस दौरान उनके हर तरह के क्रियाकलापों का एवम खान पान का सीधा प्रभाव उनके पेट में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन स्तर में उतार-चढ़ाव की समस्या आम बात है, यह सामन्यतः हमारे खान पान पर निर्भर करता है, कुछ महिलाओं में इसका स्तर काफी हद तक कम हो जाता है, कुछ में सामान्य भी रहता है।

गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर क्या होता है?

गर्भावस्था में महिलाओं का हीमोग्लोबिन का स्तर 10.5 से 12DL तक होना चाहिए, यदि इससे कम होता है, तो आपके शरीर में पोषक तत्वों को कमी है, या फिर आपको एनीमिया भी हो सकता है।
यदि ऐसा है, तो आपको डॉक्टर की सलाह लेने की आवश्यकता है, क्योंकि इस दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही आपके और आपके बच्चे के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध हो सकती है।

गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन की कमी क्यों हो जाती है?

डॉक्टर्स के अनुसार गर्भावस्था में खून में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके खून पतला हो जाता है, और जैसे जैसे खून पतला होता जाता है, हीमोग्लोबिन की मात्रा घटती जाती है। ब्लड प्लाज्मा ने वृद्धि के कारण RBC ki हानि हीमोग्लोबिन की कमी का कारण है।

हीमोग्लोबिन की कमी के क्या क्या लक्षण होंगे–

हीमोग्लोबिन की कमी के कारण थकान, कमजोरी, चक्कर आना, एवम आंखों के नीचे, तथा होंठो का सफेद सा पद जाना आदि लक्षण है।

हीमोग्लोबिन की मात्रा को कैसे बढ़ाएं?

  • हीमोग्लोबिन के मात्रा को बढ़ाने के लिए हमे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।
  • हरी पत्तेदार सब्जियों को खाना चाहिए ,जैसे–पलक, मेथी आदि।
  • आयरन से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए।
  • खजूर, एवम अंजीर के सेवन से भी आप हीमोग्लोबिन को बढ़ा सकते हैं।

अगर आपके हीमोग्लोबिन का लेवल कम होता है तो आप अपने डॉक्टर से जरूर परमर्श करें।